खान्देश ओसवाल शिक्षण संस्था की शुरूवात जैन समुदाय के बच्चे आर्थिक परीस्थीती के कारण शिक्षा से वंचित ना रहे और समाज उच्च शिक्षा से बिछडा न रहे इस उदात्त हेतू से स्व. शेठसा. श्री.राजमलजी लखीचंदजी ललवाणी इन्होने 1922 मे जामनेर शहर मे संस्था की नीव रखी। शेठ साहब को, स्व.श्री.भैय्यासाहब नथमलजी लूंकड, स्व.श्री.पुनमचंदजी ओंकारदासजी नहाटा, स्व. श्री. मोतीलालजी धारीवाल, स्व. श्री. मनोहरलालजी धारीवाल, स्व.श्री.रतनलालजी कोठारी ऐसे अनेक महान दान दाताओं का, साधर्मी साथीयोंका साथ मिला।
।। लोग जुडते गऐ काॅंरवां बनता गया ।।
संस्था की ख्याती जामनेर शहर या जलगांव जिल्हे से मर्यादीत न रहते हुए पुरे भारत मे संस्था का कार्य चल रहा है। संस्था जैन सामुदाईक बच्चो को शिक्षण हेतू ऋणछात्रवृत्ती प्रदान करती है एवंम उनका शिक्षण पुर्ण होने के बाद वह बच्चा नौकरी यां व्यवसाय पर जुडने के बाद ऋणछात्रवृत्ती लौटाता है। संस्था मे श्रीमती स्व.पानकुंवरबाईसा पोरवाल इनका भी बडा योगदान रहा है उन्होने 1967 से 2007 तक महामंत्री का कार्य बडे ही सफलाता पुर्वक निभाया है।
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